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इस भाग में हम सिंह राशि के जातकों के कुछ शुभ व सार्थक नाम देने जा रहे हैं। जिसकी सहायता से आप अपने बच्चे के लिए नाम तय कर सकेंगे। क्योंकि प्राचीन काल से ही भारत में राशि व नक्षत्रों के आधार पर नाम रखने की प्रथा है। जो आज भी हिंदू धर्म में अनवरत चली आ रही है। हिंदू सनातन धर्म में जो इस प्रक्रिया को एक संस्कार की संज्ञा दी गई है। जिसका होना अनिवार्य किया गया है। नामकरण संस्कार के ही बाद जातक को उसकी पहचान मिलती है। इसी के बाद उसे समाज जानता व समझता है। नाम से किसी भी जातक के बारे में बहुत कुछ जाना जा सकता है कहें तो नाम जातक के व्यक्तित्व का दर्पण होता है। यहां हम आपको सिंह राशि के नक्षत्रों व नाम वर्णों के बारे में जानेंगे।
सिंह राशि
सिंह राशि, सूर्य इस राशि के स्वामी है। सिंह राशि का राशि के चक्र में 120 से 150 अंश तक विस्तार है। सिंह राशि में जन्मे जातक तेजवान, ओजस्वी, आकर्षक व्यक्तित्व के धनी होते हैं। इसके साथ ही जातक बहुत कम लोगों के साथ संपर्क में रहते हैं। ऐसा नहीं है कि ये सामाजिक नहीं होते हैं। इनका सामाजिक स्तर काफी अच्छा होता। परंतु ये ज्यादातर विवेकवाल लोगों के साथ रहना पसंद करते हैं। बेफीजूल की बाते इन्हें पसंद नहीं होती हैं। जातक बहुत ही प्रतिभावान होते हैं। इनके अंदर नेतृत्व करने की क्षमता जन्म से ही विद्धमान होती है। जरूरत पड़ने पर ये अपनी कूटनीती का भी प्रदर्शन करते हैं।
सिंह राशि नक्षत्र
वैदिक ज्योतिष शास्त्र में सिंह राशि के लिए तीन नक्षत्र व नौ नक्षत्र चरणों को निर्धारित किया गया है। इन नक्षत्र चरणों में जन्मे जातक सिंह राशि के माने जाते हैं। सिंह राशि के अंतर्गत मघा नक्षत्र के चारों चरण, पूर्वा फ़ाल्गुनी के चारों चरण, और उत्तरा फ़ाल्गुनी का प्रथम चरण आता है। इन्हीं के आधार पर जातकों का नामकरण किया जाता है। नक्षत्रों के बिना यह करना संभव नहीं हैं।
मघा नक्षत्र
इस नक्षत्र के देव पितृ देव हैं तथा स्वामी केतु हैं। इस नक्षत्र में जन्मे जातक भोले स्वभाव के होते हैं। साथ ही जल्दी ही दूसरों के बहकावे में आ जाते हैं। इसके अलावा इनके अंदर दूरदर्शिता की कमी होती है। ये फैसले आज का देख कर लेते हैं। आगे चलकर क्या होगा इसका विचार ये बहुत कम करते हैं। ये अपने जीवन में धोखा जरूर खाते हैं। दुर्घटनाओं से इनका गहरा संबंध रहता है। अक्सर ये इसके शिकार हो जाते हैं।
पूर्वा फ़ाल्गुनी नक्षत्र
इस नक्षत्र के देव सूर्य हैं तो स्वामी शुक्र। जिनका जातकों पर गहरा असर रहता है। इस नक्षत्र में जन्मे जातक जल्दी संतुष्ट नहीं होते हैं। इनकी पसंद ऊंची होती है। ये शानो शौकत वाली जिंदगी पसंद करते हैं। इसके साथ ही इनके अंदर आत्मविश्वास की कमी रहती है। परंतु ये घमंडी किस्म के होते हैं।
उत्तरा फ़ाल्गुनी नक्षत्र
सिंह राशि के अंतर्गत इस नक्षत्र का केवल एक ही चरण आता है। नक्षत्र के देव आर्यमान हैं और स्वामी सूर्यदेव। नक्षत्र में जन्मे जातकों में सूर्य राशि के सारे सद्गुण पाए जाते हैं। जातक तेजवान होते हैं। विवेकशील व ज्ञानी लोगों के साथ ही रहना पसंद करते हैं। इसके अलावा ये दूरदर्शी होते हैं। कोई भी निर्णय लेने से पूर्व उसके दूरगामी परिणाम के बारे में विचार करते हैं।
सिंह राशि नक्षत्र वर्ण
सिंह राशि के में जन्मे जातक का नाम मा, मी, मू, मे, मो, टा, टी, टू, टे जैसे अक्षरों से शुरू होता है। ये सभी अक्षर नक्षत्रों के आधार पर तय किया गया है। सिंह राशि में पैदा हुए सारे जातकों का नाम इन्हीं अक्षरों के अनुसार रखा जाएगा। ताकि जातक के जीवन में उसके नाम के कारण कोई परेशानी न आए। इनमें से कुछ अक्षर ऐसे हैं जिनके अच्छे व फलदायी नाम मिलना थोड़ा मुश्किल हो जाता है। ऐसे में हम आपके लिए यहां कुछ शुभ व फलदायी नाम दे रहे हैं। जिनमें से आप अपने बच्चे के लिए एक अच्छा नाम ढूंढने में सफल हो पाएंगे। अधिक जानकारी के लिए आप ऐस्ट्रोयोगी पर देश के प्रसिद्ध ज्योतिषाचार्यों से बात कर अपने मन की क्षुधा को शांत कर सकते हैं। बात करने के लिए यहां क्लिक करें।